जानिए असफलता के कारण कौन-कौन से हैं, जो आप में नहीं होने चाहिए
असफलता के कारण: सिर्फ कोशिश करना ही सफलता के लिए जरूरी नहीं है बल्कि सही दिशा मे कोशिश करना सफलता के लिए जरूरी होता है। हम आपके लिए कुछ ऐसे तथ्य लेकर आए हैं जो आपको सफलता और असफलता के बीच के अंतर को समझने मे मदद करेंगे आप जान सकेंगे कि आखिर सफलता के लिए क्या जरूरी होता है। आइये समझते हैं कि असफलता के क्या क्या कारण होते हैं।
हार का डर
जब आपके मन मे हारने का डर बना रहता है तब आप पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं। आपके मन मे हार जाने का डर आपको हार के करीब ले जाता हैं। आपके मन मे दबाव बना रहता है कि कही आप किसी काम में असफल ना हो जाए ऐसे में आप अपने काम को अंजाम देने मे चूक कर जाते हैं। इसलिए आप बिना किसी दबाव के काम करें। और हार के डर को अपने अंदर से बाहर निकाल दें। ऐसा करने से आप मे साकारात्मकता आएगी जो सफल होने के लिए बहुत जरूरी है।
टालने की आदत
टालने की आदत सबसे बेकार आदत होती है। यह आपको किसी भी काम मे सफल नही होने देती है। टालने से आप आज के समय को तो बर्बाद कर ही रहे हैं साथ ही आने वाले कल को बर्बाद करने के लिए खाई भी खोद रहे हैं। आप कोशिश करें कि जो भी करना है उसकी शुरुआत अब से ही करें। कल या भविष्य मे करने के बारे मे सोचकर आप केवल अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। जो समय अब हैं ऐसा अनुकूल समय कभी नहीं आ सकता जो भी करना है उसकी शुरुआत अब यानि आज से ही करें। समय बहुत बलवान होता है। यह किसी के लिए भी नहीं ठहरता आप कुछ भी करें लेकिन समय अपने नियम के अनुसार आगे बढ़ता जाता है। अच्छे समय का इंतजार अरना अच्छे समय को बर्बाद करना होता है।
अपने लक्ष्य के बारे मे ज्यादा सोचना
हम मे से बहुत से लोग इसलिए असफल हो जाते हैं। कि हम अपने लक्ष्य के बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लग जाते हैं। इसका सीधा संबंध हमारी असफलता से जुडा है। सफलता प्राप्त करने के लिए हमारा लक्ष्य होना बहुत जरूरी हैं। बिना लक्ष्य के सफलता प्राप्त करना नामुमकिन है। मगर जब हम अपने लक्ष्य के बारे जरूरत से ज्यादा सोचना शुरू कर देते हैं। तो यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित होता हैं। हमें अपना लक्ष्य जरूर चुनना चाहिए। मगर इसके साथ हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के प्राॅसिस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्योकि जब हम अपने लक्ष्य के बारे में ज्यादा सोचते हैं और कुछ दिनों के बाद हम खुद को अपने लक्ष्य से दूर पाते हैं तो हमारे अंदर आत्मविश्वास खत्म हो जाता हैं और हम सोचते हैं कि अब हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए अपना कोई लक्ष्य तो बनाओ मगर लक्ष्य के बारे में ज्यादा ना सोचने के बजाय लक्ष्य को प्राप्त करने के तरीकों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करें।
अपडेट ना रहना
कुछ लोग पुराने तौर-तरीकों पर ही विश्वास रखते हैं। वे नये तरीकों को अपनाना ही नहीं चाहते हैं। सोचते हैं कि यदि मैं नये जमाने के साथ जीना शुरू कर दूंगा तो समाज मुझे अलग निगाहों से देखने लगेगा। मगर आपको यह बात समझनी चाहिए कि सफलता के लिए नयापन लाना बहुत जरूरी होता है। नये समय के साथ नई चुनौतियां भी आती है। जिनसे लड़ने के लिए आपको भी नये तौर तरीकों का इस्तेमाल करना होता है। इसलिए आपको समय के साथ बदलना जरूरी होता हैं।
अनियमित होना
सफलता नियमित रूप से काम करने का ही नतीजा हैं। किसी भी लक्ष्य के लिए लगातार काम करने पर ही उसमे सफलता मिल सकती है। जब हम किसी काम को शुरू करते हैं तो हम एक नियम बनाकर शुरुआत तो कर लेते हैं मगर उस नियम को लगातार बनाए रखना थोडा मुश्किल होता है। जो लोग अपने नियम को बरकरार रखकर आगे बढ़ते हैं वही एक दिन सफल होते हैं। कोशिश करनी चाहिए कि आप जो भी करना चाहते हैं उसके लिए निरंतर प्रयास करते रहे ऐसा ना हो कि उसे बीच मे ही छोड दिया जाए। निरंतर प्रयास करने से आपको एक दिन जरूर सफलता मिलती है।
किसी काम को छोटा समझना
कोई भी काम छोटा नही होता बल्कि छोटा काम ही एक दिन बडा काम बन जाता है या बडा काम करने लायक बनाता है। बहुत से लोग कुछ बडा करने के चक्कर मे छोटे काम भी नहीं करते हैं। आप जहां भी है वही से शुरूआत करें। बडे काम से शुरूआत करने का इंतजार ना करें बल्कि जो भी कर सकते हैं उसे करें। कोई भी सफल आदमी एकदम बडा नही बन जाता। बल्कि वह अपनी शुरुआत बहुत छोटे काम से करता हैं। उसी से धीरे-धीरे बडा काम बन जाता है। इसलिए किसी भी काम को छोटा ना समझे कोई भी छोटा काम आपको बडा आदमी बना सकता है। बस जरूरत है तो उसे मन से करने की। जब हम किसी काम को पूरे मन से करते हैं तो वही काम हमें सफलता की तरफ ले जाता है। कभी कभी बड़े काम से शुरूआत करने पर हम विफल हो जाते हैं क्योंकि उसका हमें अनुभव नहीं होता है। और अनुभव समय के साथ आता है।
बदलाव को स्वीकार ना करना
बदलाव प्रकृति का नियम है। इसे हर किसी को स्वीकार करना चाहिए। जो लोग बदलाव को स्वीकार नही करते हैं वे सफलता से दूर हो जाते हैं। समय के साथ हर चीज़ मे बदलाव देखने को मिलता है। ऐसा ही बदलाव आपके बिजनेस या अन्य किसी काम मे आ सकते हैं। हर समय आप और आपका कारोबार एक जैसा नहीं रह सकता। इसलिए बदलाव से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि बदलाव को स्वीकार करके उसी अनुसार खुद को ढाल लेना चाहिए।
धैर्य ना रखना
सफलता के लिए धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है। कोई भी इंसान एक दिन में सफल नही होता हैं मगर लगातार प्रयास करने पर एक दिन जरूर सफल हो जाता है। जिन्हें नतीजा पाने की बहुत जल्दी रहती हैं वे अपने काम को पूरे मन से नही कर पाते हैं। इसलिए वे सफल नहीं हो पाते हैं। इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं कोई भी पेड एक दिन में फल देने लायक नहीं हो जाता। वह धीरे-धीरे वृद्धि करता है। उस अंतराल मे उसे आंधी-तूफान, बरसात, सर्दी व गर्मी हर मौसम का सामना करना पड़ता है। तब जाकर वह फल देने के काबिल हो पाता है। सफलता भी ठीक ऐसे ही है। इसके लिए समय देना पडता है हर मुश्किल से लडना पड़ता है। तब जाकर सफलता प्राप्त होती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। इस लेख मे हमनें असफलता के कारणों को विस्तार से बताया है। अब आप यह बात जरूर जान चुके होंगे कि सफलता के लिए क्या जरूरी है। हमनें सफलता के लिए जरूरी पहलू जैसे हार का डर, लक्ष्य के बारे में ज्यादा सोचना, टालने की आदत, बदलाव को स्वीकार ना करना, धैर्य रखना आदि को विस्तार से बताया है। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। यदि यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरुर करे। ऐसी ही उपयोगी जानकारी पाने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज से जुड़ सकते हैं। धन्यवाद।
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