बुजुर्ग मांं बाप की भावात्मक प्रेरक हिंदी कहानीं
भावात्मक हिंदी कहानीं:
बुजुर्ग मांं बाप भावात्मक कहानीं
यह कहानी है एक ऐसे आदमी जो एक बडे मेडिकल स्टोर का मालिक था। पहले उसका मेडिकल स्टोर अपने ही शहर मे था। लेकिन वहां उसकी कमाई कम होती थी। फिर उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि वह अपना मेडिकल स्टोर दूसरे शहर मे सेटल करें वहां उसकी अच्छी कमाई होगी।
पहले तो उसने ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि उसके माता पिता भी बुजुर्ग हो चुके थे। उनकी देेखभाल कौन करेेगा। लेकिन बाद मे उसने अपना मेडिकल स्टोर अपने शहर से दूर दूसरे शहर मे सेटल कर लिया। मेडिकल स्टोर दूर होने के कारण वह रोज अपने घर नही जा पाता था। मेडिकल स्टोर काफी बडा था। शहर का सबसे बडा मेडिकल स्टोर वही बन चुका था। जो दवाई ओर कहीं नहीं मिलती थी वो भी उस मेडिकल स्टोर पर जरूर मिल जाया करती थी।
काफी कमाई भी होने लगी। स्टोर पर हमेशा कई नौकर काम करते रहते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। कि एक दिन सुबह का समय था और स्टोर पर काफी भीड़ थी, लोग लाईन मे खडे थे। और इन्हीं लोगो मे एक बुजुर्ग महिला लाईन से थोडा अलग होकर पास मे एक पेड की छाया मे खडी थी। स्टोर मालिक की नजर उस बुजुर्ग औरत पर पडी जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वो भी कोई जरूरी दवाई लेने आई हो।थोडी देर में स्टोर से भीड खत्म हो गयीं लेकिन बुजुर्ग औरत स्टोर पर नहीं आई।
स्टोर मालिक उसे वहीं पर खडी देखकर सोचने लगा की कोई दवाई लेने आई होगी या कोई अन्य मदद की जरूरत होगी चलो मैं ही वहाँ जाकर उनकी मदद करता हूँ और खुद वहां पर जाकर बुजुर्ग महिला से कहा माता जी आप काफी देर से यहां खडी हो आपको क्या चाहिए। यह सुनकर बुजुर्ग औरत बोली कि मैं दवाई लेने आई थी लेकिन मैं भूल गई कि कौन सी दवाई लेनी है। फिर थोडी देर बाद बोली कि मुझे याद आ गयी। मालिक ने कहा जल्दी बताओं आपको कौन सी दवाई चाहिए मैं आपको ला कर दे दूगां। तो उन्होंने कहा कि मुझे बच्चों की याद ना आने की दवाई चाहिए।
ये कहते हुए बुजुर्ग। महिला की आंखों से आसूं आ गये और वहां से चल दी। यह बात सुनकर मेडिकल स्टोर मालिक कुछ नहीं बोल पाया और उसकी आखें भर आई और अपने मां बाप को याद करने लगा जिन्हें वह अपनी कमाई के चक्कर मे भूल चुका था। उसे भी समझ आ गयीं कि मां बाप अपनी संतान के लिए कितना तडपते हैं। और उसने फैसला किया कि मेरी कम ही कमाई क्यों न हो अब मुझे अपना मेडिकल स्टोर अपने ही शहर मे करना है जहां से मै रोज शाम मे अपने माता पिता के पास जा सके।
इस कहानी से सीखने को मिलता है कि हमे अपने माता पिता की देखभाल करनी चाहिए। जिस तरह बचपन मे बच्चे को अपने मां बाप की जरूरत होती हैं उसी तरह जब मां बाप बुजुर्ग हो जाते हो उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत अपने बच्चों की ही होती हैं। इसलिए अपने माता पिता के पास रहे उनकी सेवा करो क्योंकि जिन्दगी मे केवल एक बार ही उनकी दुआएँ लेने का मौका मिलता हैं अगर एक बार वो इस संसार से चले गये तो फिर कभी वापिस नहीं आएंगे।
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धन्यवाद!!
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