सफलता पाने के लिए प्रेरणादायक कहानीं
नमस्कार दोस्तो आप इन तीन प्रेरणादायक कहानियों को पढकर जरूर प्रेरित होगें। और आप के अन्दर आत्मविश्वास आएगा। जो सफलता पाने के लिए बेहद जरूरी होता है। कृप्या कहानीं को पूरा जरूर पढें।
ये तीन कहानियां आपकी जिन्दगी बदल सकती है।
सफलता की कहानियां
1. मौके की पहचान
एक बार एक लडका जो अपने करियर को लेकर बडा दुखी था। कुछ समझ मे नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसने एक नौकरी की लेकिन कुछ दिन के बाद मन ना लगने के कारण नौकरी भी छोड़ दी। लडके को एक दिन एक ऋषि मुनि मिले लडके ने उनसें पूछा कि आप इतने बडे ऋषि मुनि है आपके पास बहुत दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। और आप उनकी समस्या का निवारण भी करते हैं। मेरी भी एक समस्या है। मुनि ने कहा बताओ आपकी क्या समस्या है। लडके ने कहा मेरी तो जिन्दगी ही खराब है कुछ भी नही कर पा रहा हूँ और समझ मे भी नहीं आ रहा क्या करूँ करियर नही बन पा रहा है बस कैसे भी करके कोई उपाय बता दिजिए।
मुनि जी लडके को एक नदी के पास ले गया। नदी के किनारे पर बहुत सारे छोटे पत्थर थे। मुनि ने लडके से कहा कि इन पत्थरों मे कई पत्थर ऐसे हैं जो गर्म है तुम्हें इन पत्थरों को एक एक करके नदी मे डालना है और जो पत्थर गर्म हो उसे लेकर मेरे पास आना। वो गर्म पत्थर तुम्हारी किस्मत बदल सकता हैं। लडका नदी किनारे पडे पत्थरों को नदी मे फेकने लग गया।
पत्थर बहुत सारे थे काफी देर हो गयी पत्थर फेंकते हुए लेकिन कोई भी पत्थर गर्म नही था। लडका बस पत्थर फेंके जा रहा था। कुछ देर और पत्थर फेंकने के बाद जैसे ही एक पत्थर फेंका उसे तुरंत महसूस हुआ कि जो पत्थर फेंका हैं वो पत्थर गर्म था। लेकिन अब तो वो पत्थर नदी मे डाल दिया। लडके परेशान होने लगा कि गर्म पत्थर था वो मैने नदी मे फेंक दिया। लेकिन उसे मुनि की कही बात याद आ गयी कि इन पत्थरो मे कई गर्म पत्थर हैं। और फिर से गर्म पत्थर की पहचान करने मे लग गया। लडका फिर से पत्थरों को एक एक करके नदी मे फेंकने लगा। कुछ देर बाद फिर से जो पत्थर फेंका था वो पत्थर गर्म था।
लडके को फिर अपने किये पर पछतावा हुआ। और फिर से पत्थरों को फेंकने मे लग गया। अब नदी किनारे कुछ ही पत्थर बाकी थे। और लडका भी सोचने लगा कि मुझे अब कोई गर्म पत्थर मिलना मुश्किल है। कुछ देर बाद फिर से फेंका हुआ पत्थर गर्म था। और पहले की तरह वो पत्थर भी नदी मे फेंक चुका था। अब नदी किनारे पर बस कुछ ही पत्थर बचे थे। लडके ने वे पत्थर भी एक एक करके नदी मे डाल दिये लेकिन कोई भी गर्म पत्थर नही पकड पाया। लडका हारा थका फिर मुनि के पास गया और सब बाते बताने लगा कि कई ऐसे पत्थर मेरे हाथ मे आये जो गर्म थे।
लेकिन उन गर्म पत्थरों का एहसास मुझे तब हुआ जब मैं पत्थर नदी मे फेंक चुका था। मुनि ने लडके से कहा कि तुम्हारी यही समस्या है। तुम्हारे पास कई मोके आये थे। अपनी करियर लाइफ को ठीक करने के लेकिन तुम उन मौकों को पहचान नही पाये या फिर ये सोचते रहे कि अभी बाकी मौकै भी है लेकिन वे मौके भी बाकी पत्थरों की तरह हाथ से निकल गये।
कहानीं से सीख:-
यह कहानीं हमे सिखाती हैं कि हमे हर मौके को बडे ही सावधानी से पहचानने की जरूरत होती हैं। हमारी जीवन मे अनेक मौके आते हैं जिन्हें हम कामयाबी मे बदल नही पाते। हमे बार बार मौके तो मिलते है लेकिन वे भी पत्थरों की तरह हाथ से निकल जाते हैं और फिर पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचता हैं।
मोटिवेशनल स्टोरी इन हिन्दी | hindi story with moral
2. लक्ष्य छोटा हो या बडा़
प्रेरणादायक कहानीं
एक बार एक गरीब मछवारा था। जो मछलियां पकडता था। मछलियों को बाजार मे बेचकर अपनी जीविका चला रहा था। वह हर रोज नदी मे जाता और केवल बडी मछलियां ही पकडता था। किसी दिन उसे बडी मछली मिल भी जाती थी और कई दिन उसे बिना मछलियों के भी आना पडता था। एक दिन वह मछली पकडने गया। पूरा दिन हो गया लेकिन उसके हाथ कोई मछली नही लगी।
क्योंकि उसे केवल बडी मछली ही पकडनी थी। उसने अपना जाल कई बार नदी मे डाला तो उसमे कई सारी छोटी मछलियां तो थी लेकिन एक भी बडी मछली नही थी। मछवारा जाल से निकाल कर मछलियों को वापिस नदी मे फेंक देता है। और बडी मछली पकडने की कोशिश करने लगा। यह सब एक किसान पेड़ के नीचे बैठकर देख रहा था।
किसान देख रहा था कि मछवारा बार बार अपने जाल मे फसी छोटी मछलियों को निकाल कर वापिस नदी मे फेंक देता हैं। किसान मछवारे के पास गया। और कहने लगा कि तुम इन छोटी मछलियों को क्यो नही पकड रहे हो। तो मछवारा बोला मुझे ये छोटी मछलियां नही चाहिए मुझे तो बडी मछली चाहिए। जो मेरे लिए एक ही काफी हो। उस बडी मछली से मुझे एक बार मे ही ज्यादा मुनाफा हो जाता हैं और मुझे दोबारा कोई मछली पकडने की जरूरत नही होती हैं। यह सुनकर किसान आश्चर्यचकित हो गया। और मछवारे को समझाने लगा की अगर कई छोटी मछली तुम्हारे जाल मे आ जाती हैं तो वो भी तो बडी मछली की बराबर ही मुनाफा दे सकती हैं।
आप पढ़ रहें है सफलता की कहानीं Best Motivational Story In Hindi
लेकिन तुम सभी छोटी मछलियों को ही वापिस नदी मे फेंकते रहोगे तो हो सकता है कि कोई बडी मछली नदी मे हो ही ना और तुम बडी मछली के चक्कर मे छोटी मछलियां भी नही पकड पाओगे। मछवारे, किसान की बात समझ जाता है और थोड़ी देर मे ही वह अपने जरूरत की छोटी मछलियां पकडकर ले जाता हैं।
यह कहानीं हमे सिखाती हैं कि हमे अपने छोटे छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें हासिल करना चाहिए। कई बार बडे लक्ष्य को हासिल करने के चक्कर मे हम अपने छोटे लक्ष्य को भी हासिल नही कर पाते हैं। कुछ बडा करने के लिए पहले छोटे से ही शूरूआत करनी पडती है।
3. लक्ष्य आपका हैं तो महनत भी आपको ही करनी है:
एक लडका जिसका सपना था बडा मूर्तिकार बनना। उसे बचपन से ही रेत मिट्टी से मूर्तियां बनाने का बहुत शोक था। लडके ने इण्टरमीडिएट के बाद आगे पढाई नही की। अब वह सिर्फ़ मूर्तियां बनाने मे व्यस्त रहता था। वह बहुत बडा मूर्तिकार बनना चाहता था। इसलिए कुछ ना कुछ और अच्छा करने की कोशिश करता रहता था। लडका धीरे धीरे
मूर्ति बनाने मे बहतर होता जा रहा था। उसे अपनी बनाई मूर्तियां सबसे अच्छी लगती थीं क्योंकि वह अपना 100% देकर मूर्ति बनाता था। लडके ने सोचा कि मैं मूर्तियां तो बना लेता हूँ लेकिन ये मेरी बनाई मूर्तियां किसी को अच्छी लगेगी या नही। लडके ने दूसरों की राय जाने की योजना बना रहा था। वह अपनी मूर्तियों को जिसको भी दिखा कर उनकी राय जानने की कोशिश करता तो कोई भी उसे किसी तरह की राय नही देते ब्लकि बिना देखे ही अच्छी या बुरी बताकर आगे बढ जाते।
एक दिन लडके ने अपनी बनाई हुई मूर्ति एक चौराहे पर रख दी और उसके पास एक कागज चिपका दिया जिस पर लिखा था कि इस मूर्ति मे जहा भी कोई कमी हो उस हिस्से पर निशान लगाये। पूरे दिन मूर्ति चौराहे पर रखी रही शाम होते ही लडका मूर्ति देखने गया कि मेरी बनाई हुई मूर्ति मे क्या गलत हैं। मूर्ति के पास जाकर देखा तो पूरी मूर्ति पर निशान ही निशान लगे हुए थे। कोई भी हिस्सा बिना निशान के नही बचा था। यह देखकर लडके को बहुत निराशा हुई। लडका लोगो की प्रतिक्रिया को देख बहुत निराश हो गया और सोचने लगा कि मेरी बनाई मूर्ति किसी को भी पसंद नहीं है इसलिए मुझे मूर्तियां बनाना बंद कर देना चाहिए। उसने अपने लक्ष्य को छोडने के बारे मे सोच लिया था।
अगले दिन लडके की अपने एक दोस्त से मुलाकात हुई। लडके ने अपनी बात बताई कि मेरी बनाई मूर्ति मे किसी को भी कोई चीज पसंद नही आई। दोस्त ने कहा एक बार फिर एक ऐसी ही मूर्ति को उसी चौराहे पर रखो और अब की बार कागज पर लिखना कि मूर्ति मे जो चीज अच्छी ना हो उस पर निशान लगाए और फिर उसको ठीक भी करके बताएं। पूरे दिन मूर्ति रखी रही अगले दिन लडका मूर्ति देखने गया तो हैरान हो गया मूर्ति पर एक भी निशान नही था।
यह कहानीं हमे बहुत कुछ सिखाती हैं। अगर कुछ करने का तुम्हारा इरादा है तो वह काम सिर्फ तुम्हें ही अच्छा लगना चाहिए क्योंकि और तो आपके काम की बुराई ही करेंगे अगर उनसे बुराई को दूर करने को कहा जाये तो कुछ नहीं करेंगे इसलिए अपना लक्ष्य खुद तय करे।
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धन्यवाद!!
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