सफलता की तीन गुरु | ज्ञानवर्धक छोटी कहानी
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ज्ञानवर्धक छोटी कहानी, सफलता के लिए महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धक कहानीं इन हिंदी, अगर इंसान सीखना चाहे तो बहुत कुछ सीख सकता है। जीवन मे हर वक्त कुछ न कुछ सीखने को मिलता रहता है ये कहानीं भी आपको यही बात सीखाएगी कि कैसे हम सफलता के लिए प्रेरित हो सकते हैं
ज्ञानवर्धक छोटी हिंदी कहानी |
यह कहानी है एक बिजनेस मैन की जो सफल नही हो पा रहा था
सफलता के तीन गुरु
एक बार एक बिजनेसमैन था जिसका बिजनेस बहुत ही खराब हालत मे था। यहां तक कि उसने अपने बिजनेस को बंद करने की ठान ली। उधर उसकी प्रेमिका ने भी उससे ब्रेकअप कर लिया। उसकी बिजनेस लाइफ व पर्शनल लाइफ दोनो ही खराब हो चुकी थी। बिजनेस में उसने अपना मकान भी बेच दिया था।
वह बेघर हो गया। बिजनेस के बंद हो जाने से वह डिप्रेशन मे आ गया। एक दिन वह बाहर दूसरे शहर के लिए निकल गया सोच रहा था कि क्या करूं। संन्यासी बन जाऊ। या कही नौकरी करू। शाम हो गयी थी भूख भी लगी थी। रात गुजारने के लिए ठिकाना भी नही मिला। अंधेरे में वह रास्ते से जा रहा था।
इतने मे उसे एक आदमी दिवार को तोडता हुआ नजर आया। तो उसने उस आदमी से कहा कि मुझे आपसे थोड़ी सी मदद चाहिए मुझे एक रात गुजारनी हैं। मुझे अपने घर मे सोने दो। वह आदमी बोला पागल हो क्या यह मेरा घर नही हैं मैं तो यहां चोरी करने आया हूँ। लेकिन वह चोर उसे अपने घर ले गया। चोर अच्छे दिल का निकला । वहा एक रात रुकने के लिए बोला था लेकिन एक सप्ताह गुजर गया। रात को रोज चोर चोरी करने के लिए जाता और बिजनेसमैन से बस एक बात बोलकर जाता कि आराम से सोना लेकिन सोने से पहले उपर वाले का नाम जरूर लेना रोज चोर आता तो बिजनेसमैन उससे पूछता कि आज क्या हाथ लगा चोर का उत्तर यही होता कि कुछ नहीं लेकिन कल कुछ अच्छा हाथ लगेगा।
बिजनेसमैन का पहला गुरु यही चोर था जिसने सिखाया कि कुछ भी हो जाये कभी हार नही माननी चाहिए। हमेशा पाजीटिव सोचना चाहिए। एक सप्ताह के बाद बिजनेसमैन वहाँ से आगे चल दिया। आगे जाकर दोपर मे वह नदी किनारे एक पेड़ की छाया में बैठ गया। वहा एक कुत्ता भी था। जो बार बार नदी के पास जाता और वापस पेंड के नीचे बैठ जाता कुत्ते को प्यास लगी थी लेकिन वह पानी मे अपनी परछाई देखकर डर जाता और वापस आ जाता बिजनेसमैन यह सब देख रहा था।
एक बार कुत्ता हिम्मत करके नदी के पास गया और जोर से पानी मे छलांग लगा दी। और अपनी प्यास बुझा ली। बिजनेसमैन का दूसरा गुरु ये कुत्ता था जिसने सिखाया कि सफलता पाने के लेये कुछ अधिक ऊर्जा लगाकर छलांग लगाने की जरुरत होती हैं। बिजनेसमैन आगे चल दिया शाम हो गयी थी एक गाव से गुजर रहा था। रास्ते मे एक बच्चा मोमबत्ती को जलाकर आगे जा रहा था।
बिजनेसमैन ने सोचा कि बच्चे के साथ कुछ मस्ती की जाये तो उसने बच्चे से पूछा कि बेटा एक बात बताओ ये जो मोमबत्ती से जो उजाला हो रहा है ये कहा से आता है ये कहा रहता हैं बच्चे को बडा अजीब सवाल लगा थोड़ी देर सोचने के बाद बच्चे ने मोमबत्ती को बुझा दिया और बोला कि जहां ये अब उजाला चला गया है वही से आता है। बिजनेसमैन का तीसरा गुरु ये बच्चा ही था जिसनें यह सिखाया कि कभी भी अपने आप को सर्व बुद्धिमान मत समझो। हो सकता है कि सामने वाला आपसे भी ज्यादा बुद्धिमान हो और कभी भी अपने आप पर घमंड नहीं करना चाहिए।
बिजनेसमैन के अन्दर पाजिटिविटी आ गयी वह दोबारा से साकारात्मक सोच के साथ अपने बिजनेस में लग गया और एक बड़ा व सफल बिजनेसमैन बन गया।
दोस्तों हमें हमेशा साकारात्मक सोचना चाहिए व कभी घमंड नहीं करना चाहिए ये काम सफलता के लिए जरूरी है। कैसी लगी ये कहानी कमेन्ट करें।
धन्यवाद।
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